
आंवला (Indian Gooseberry) विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों का खज़ाना है। भारतीय रसोई में आंवले का अचार न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। इसे बनाना आसान है और यह लंबे समय तक स्टोर करके खाया जा सकता है।
आंवले का अचार कैसे बनाएं: पारंपरिक रेसिपी
सामग्री (लगभग 500 g आंवला):
- आंवला – 500 ग्राम
- सरसों का तेल – लगभग 200 ग्राम
- हींग – ¼ छोटी चम्मच (जड़ी हुई)
- मेथी दाना – 2 छोटी चम्मच
- अजवाइन – 1 छोटी चम्मच
- राई (सरसों पिसी) – 2 टेबलस्पून
- हल्दी पाउडर – 1 टीस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 2 टीस्पून (या स्वादानुसार)
- नमक – 2 टेबलस्पून (स्वादानुसार)
- वैकल्पिक: पीली सरसों, सौंफ पाउडर
विधि:
- आंवले तैयार करें:
- आंवलों को धोकर हल्के पानी में उबालें जब तक वे नरम न हो जाएं। बाद में ठंडा होने पर फांकों और बीज से अलग करें, और कुछ देर हवा में या कपड़े पर सुखाएं ताकि नमी निकल जाए।
- मसाला तैयार करें:
- कढ़ाही में तेल गर्म करें, फिर गैस बंद कर दें। तेल में हींग, मेथी, अजवाइन डालकर हल्का तड़का लगाएं। फिर पिसी राई, हल्दी, लाल मिर्च और नमक मिलाएं। सब चीज़ें अच्छे से मिलाएं।
- अचार मिश्रण में मिलाएं:
- तैयार मसाले में आंवले के टुकड़े डालकर अच्छी तरह मिलाएं ताकि मसाले हर टुकड़े पर बराबर चिपक जाएं।
- स्टोरिंग:
- मिश्रण को एक सूखे, साफ़ कांच के जार में भरें। ढक्कन कसकर बंद करें और कम से कम 3–4 दिन तक धूप में रखें, दिन में एक बार हिलाएँ ताकि मसाला सेट हो जाए।
इस प्रक्रिया से बनी आपकी पारंपरिक आंवला अचार स्वादिष्ट, पाचक और लंबे समय तक टिकाऊ होगी।
ऑयल-फ्री और गुड़-आधारित आंवला अचार
ऑयल-फ्री आंवले का अचार
स्वास्थ्यावधान के चलते ऑयल-फ्री विकल्प भी लोकप्रिय हो रहा है। इसमें आप आंवलों को बिना तेल के नींबू या पानी और मसालों के मिश्रण में रखकर बना सकते हैं। इस प्रकार का अचार हल्का, हेल्दी और लंबे समय तक भंडारणीय होता है।
गुड़ मिश्रित खट्टा-मीठा अचार
कुछ रेसिपी में गुड़ मिलाया जाता है जिससे स्वाद मीठा-खट्टा हो जाता है। इसमें गुड़ पिघलाकर मसालों में मिलाया जाता है, फिर उबले और सूखे आंवले में मिलाकर पकाया जाता है। यह मीठा-खट्टा स्वाद रोटी, पराठा या दाल-चावल के साथ बहुत अच्छा लगता है।
स्वास्थ्य लाभ: आंवले का अचार क्यों फायदेमंद है
- इम्युनिटी बूस्टर: आंवला विटामिन C का समृद्ध स्रोत है जिससे सर्दी-खांसी में relief मिलती है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- पाचन सुधार: मसाले और आंवला दोनों पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और कब्ज या एसिडिटी से राहत देते हैं।
- त्वचा–बाल स्वास्थ्य: विटामिन C त्वचा को चमकदार बनाता है, बालों को मजबूत करता है और ज्युवेनाइल उपचार प्रदान करता है।
स्टोरेज टिप्स: अचार को लंबे समय कैसे रखना है
- साफ़ और सुखा बर्तन इस्तेमाल करें: कांच के जार सबसे अच्छे होते हैं। धूप और उबलते पानी से जार को पूरी तरह साफ करना चाहिए।
- सूखे चम्मच का उपयोग करें: हर बार अचार निकालते समय साफ़ सूखा चम्मच लेना चाहिए, ताकि नमी और बैक्टीरिया न जाए।
- धूप में सेट होने दें: 3–4 दिन धूप में रखें और बीच-बीच में हिलाएँ, ताकि मसाले हर फांके में मिल जाएँ। महीने में एक बार धूप दिखाना लाभदायक सिद्द हो सकता है।
- ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें: अचार को फ्रिज में भी रखा जा सकता है यदि लंबे समय के लिए स्टोर करना हो।
आधुनिक युग में विविधता: वीडियो और सोशल मीडिया रेसिपीज़
- Chef Ashok की “सालों तक चलने वाली” विधि: इसमें लहसुन, अदरक, गुड़, लाल मिर्च सहित आधुनिक मसाले शामिल हैं — जो स्वाद और स्टोरेज दोनों में बेहतरीन हैं।
- Asan Zindagi का ऑयल-फ्री तरीका: कम तेल में स्वाद छोड़ने वाली विधि, हेल्दी विकल्प के लिए उपयुक्त है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न | उत्तर |
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क्या आंवले का अचार डायबिटीज़ में ठीक है? | आंवला कम ग्लाइसेमिक है, लेकिन गुड़ या शक्कर ज़्यादा डालना खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर की सलाह लें। |
आंवला अचार कब तक सुरक्षित रहता है? | ठीक तरह से स्टोर और धूप मिलने पर लगभग 6–12 महीने तक सकता है। |
क्या सरसों का तेल जरूरी है? | नहीं, ऑयल-फ्री विधियाँ भी लोकप्रिय और स्वास्थ्यवर्द्धक हैं। |
मॉनसून में कैसे बनाएं अचार बिना खराब हुए? | ऑयल-फ्री या सिरका मिला मिश्रण और फ्रिज में स्टोर करना बेहतर। |
क्या सिरका डालने से अचार लंबे समय तक टिकता है? | हाँ, सिरका किसी अचार को लंबे समय तक संरक्षित बनाए रखता है। |
निष्कर्ष
आंवले का अचार हर भारतीय भोजन का अनिवार्य स्वादिष्ट तत्व है—चाहे वह पारंपरिक हो, ऑयल-फ्री, या मीठा-खट्टा। यह स्वास्थ्य, स्वाद और संरक्षण—तीनों में उत्कृष्ट है। अधिक पढ़े घर बैठे अचार का बिजनेस कैसे शुरू करें